प्रदर्ष मंजूषा 5 : इस प्रदर्ष मंजूषा में पकी मिट्टी के बने थप्पा, साँचा, चक्का, गेंद, टोंटी, मनके चमकाने के साँचे आदि को प्रदर्शित किया गया है जिनका काल दूसरी शताब्दी ई0 पूर्व से चैथी शताब्दी ई0 तक माना गया है।
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प्रदर्ष मंजूषा 6 : इस प्रदर्ष मंजूषा में पकी मिट्टी एवं अर्द्ध कीमती रों के मनके तथा कर्ण आभूषण प्रदर्शित है जिनका काल चैथी से छठी शताब्दी ई0 है।
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प्रदर्ष मंजूषा 7,8 और 9 : इन तीनों प्रदर्ष मंजूषाओं में लघु एवं बड़े मृदभांड, घंटी, लैम्प आदि को प्रदर्शित किया गया है। इनका काल दूसरी शताब्दी से छठी शताब्दी तक आँकी गई है।
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प्रदर्ष मंजूषा 10 : इस प्रदर्ष मंजूषा में उत्तरी कृष्ण मार्जित मृदभांड के टुकड़ों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें सुनहरे रंग का छठच् प्रमुख है।
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Learn Moreप्रदर्ष मंजूषा 11 : इस प्रदर्ष मंजूषा में ताँबे तथा लोहे की पुरावशेष प्रदर्शित है। ताँबें की घंटी, अंजलश्लाका, कटोरे आदि एवं लोहे की बनी छेनी, छुरी तथा काँटी आदि प्रदर्शित है। इन पुरावशेषों का काल तीसरी शताब्दी ई0 पूर्व से लेकर 12वीं शताब्दी तक है।
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